निवेश की दुनिया में “बोनस शेयर” (Bonus Share) एक ऐसा शब्द है, जो निवेशकों के लिए काफी आकर्षक होता है। यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं, तो आपने इसके बारे में जरूर सुना होगा। इस लेख में, हम विस्तार से समझेंगे कि बोनस शेयर क्या है, यह कैसे काम करता है, और इसके फायदे व नुकसान क्या हैं।
Bonus Share क्या है?
बोनस शेयर कंपनी द्वारा अपने मौजूदा शेयरधारकों को मुफ्त में दिए गए अतिरिक्त शेयर होते हैं। ये शेयर उस अनुपात में दिए जाते हैं, जो कंपनी तय करती है, जैसे 1:1, 2:1, आदि।
उदाहरण:
यदि आपने किसी कंपनी के 10 शेयर खरीदे हैं और कंपनी 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करती है, तो आपको 10 और शेयर मुफ्त में मिलेंगे।
Bonus Share कैसे मिलता है?
- कंपनी की लाभकारी स्थिति:
जब कंपनी के पास प्रॉफिट का अच्छा खासा रिजर्व होता है, तो वह इसे अपने शेयरधारकों के बीच बांटने के लिए बोनस शेयर जारी करती है। - रिकॉर्ड डेट:
कंपनी यह तय करती है कि किस तारीख तक के शेयरधारक बोनस शेयर के पात्र होंगे। इस तारीख को रिकॉर्ड डेट कहा जाता है। - अधिकार प्राप्त शेयरधारक:
रिकॉर्ड डेट तक जिनके पास कंपनी के शेयर हैं, वे ही बोनस शेयर पाने के योग्य होते हैं।
Bonus Share जारी करने का उद्देश्य
- शेयरधारकों को रिवॉर्ड करना:
कंपनी अपने शेयरधारकों को लाभांश के अलावा बोनस शेयर देकर धन्यवाद देती है। - शेयर की लिक्विडिटी बढ़ाना:
बोनस शेयर के बाद शेयर की कीमत कम हो जाती है, जिससे अधिक निवेशक इसे खरीद सकते हैं। - पब्लिक इमेज बेहतर बनाना:
बोनस शेयर जारी करने से कंपनी की छवि शेयर बाजार में बेहतर होती है।
Bonus Share के फायदे
- निवेशकों के लिए लाभ:
बोनस शेयर मिलने से शेयरधारकों के पास कंपनी के अधिक शेयर हो जाते हैं, जिससे भविष्य में लाभ मिलने की संभावना बढ़ जाती है। - कोई अतिरिक्त खर्च नहीं:
बोनस शेयर मुफ्त में मिलते हैं; निवेशकों को इन्हें पाने के लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं करना पड़ता। - लंबी अवधि में मुनाफा:
अधिक शेयर होने से भविष्य में कंपनी के विकास का लाभ अधिक मात्रा में मिलता है।
Bonus Share के नुकसान
- शेयर की कीमत में कमी:
बोनस शेयर जारी करने के बाद, प्रति शेयर की कीमत कम हो जाती है, क्योंकि कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। - तुरंत नकद लाभ नहीं:
बोनस शेयर निवेशकों को नकद लाभ नहीं देते, जबकि डिविडेंड नकद में मिलता है। - कर लाभ नहीं:
भारत में बोनस शेयर पर कैपिटल गेन टैक्स लागू हो सकता है, जो कि निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त खर्च है।
Bonus Share और Stock Split में अंतर
बोनस शेयर | स्टॉक स्प्लिट |
---|---|
नए शेयर मुफ्त में दिए जाते हैं। | मौजूदा शेयरों को छोटे हिस्सों में बांटा जाता है। |
शेयरधारकों की कुल होल्डिंग बढ़ती है। | शेयरधारकों की कुल होल्डिंग नहीं बढ़ती। |
शेयर की संख्या बढ़ती है। | शेयर की संख्या भी बढ़ती है। |
Bonus Share की घोषणा करने वाली कंपनियों का पता कैसे लगाएं?
- स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट:
NSE और BSE जैसी वेबसाइट पर नियमित रूप से कंपनियों द्वारा जारी की जाने वाली घोषणाएं देखी जा सकती हैं। - कंपनी की प्रेस रिलीज:
कंपनियां बोनस शेयर जारी करने से पहले प्रेस रिलीज करती हैं। - न्यूज पोर्टल और वित्तीय ऐप्स:
Groww, Zerodha, Moneycontrol जैसे प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी उपलब्ध रहती है।
बोनस शेयर से जुड़े मुख्य सवाल
1. क्या बोनस शेयर टैक्सेबल होते हैं?
हां, बोनस शेयर पर कैपिटल गेन टैक्स तब लागू होता है, जब आप उन्हें बेचते हैं।
2. क्या बोनस शेयर जारी करने से कंपनी पर कोई असर पड़ता है?
कंपनी के रिजर्व में कमी हो सकती है, लेकिन इसके मौलिक प्रदर्शन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
3. क्या हर शेयरधारक को बोनस शेयर मिलता है?
हां, रिकॉर्ड डेट तक जिनके पास कंपनी के शेयर हैं, वे सभी पात्र होते हैं।
निष्कर्ष
बोनस शेयर निवेशकों के लिए एक आकर्षक रिवॉर्ड है, जो कंपनी के साथ उनकी दीर्घकालिक यात्रा को पुरस्कृत करता है। हालांकि, इसके फायदे और नुकसान को ध्यान में रखकर ही निवेश निर्णय लेना चाहिए।
अगर आपको बोनस शेयर के बारे में और जानकारी चाहिए, तो हमें संपर्क करें।
लेखक:
धन सिंह
संस्थापक, modischeme.com